

Hindi Sahitya Aur Samvedana Ka Vikas (Hindi Edition)
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This book explores the evolution of sensitivity and emotional depth in Hindi literature. डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी द्वारा रचित यह ग्रंथ हिंदी साहित्य में संवेदना के विभिन्न रूपों और उनके ऐतिहासिक विकास को दर्शाता है। Ideal for Hindi literature students, researchers, and competitive exams.
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Description
Hindi Sahitya Aur Samvedana Ka Vikas (Hindi Edition) Ramswaroop Chaturvedi
हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखने की क्या-क्या समस्याएँ हैं, इसे लेकर एकाधिक पुस्तकें लिखी जा सकती हैं,किसी रूप में लिखी भी गई हैं। कुछ लेखक-समूहों, मुख्यत: शोधकर्ताओं द्वारा इतिहास की सामग्री के संकलन प्रस्तुत हुए हैं, जो अपने आपमें उपयोगी हैं। पर नहीं लिखा गया तो इतिहास, रामचंद्र शुक्ल और छायावाद के बाद! ऐसे चुनौती भरे वातावरण में साहित्य और संवेदना के विकास को साथ-साथ व्याख्यायित करते चलना कितना कठिन है, यह सहज अनुमान किया जा सकता है।
किसी भी साहित्य के इतिहास की अच्छाई को जाँचने की दो कसौटियाँ हो सकती हैं। एक तो यह कि वह कहाँ तक, साहित्य की ही तरह, विविध पाठक-वर्गों की अपेक्षाओं की एक साथ पूर्ति करता है! और दूसरे यह कि वह साहित्य को उप-साहित्य से अलग करके चलता है या नहीं, विशेष रूप से एक ऐसे युग में जब कि संचार-माध्यम साहित्य के विविध सीमांतों से टकरा रहे हैं। दूसरे शब्दों में कि वह इतिहास असल में कितनी दूर तक साहित्य का इतिहास है इन कसौटियों पर परख कर प्रस्तुत अध्ययन की जाँच स्पष्ट ही आप स्वयं करेंगे! अपनी ओर से हम इतना अवश्य कहना चाहेंगे कि समूची साहित्य-प्रक्रिया की जैसी संवेदनशील समझ विकसित करने का यत्न यहाँ हुआ है वैसी ही विश्वसनीय तथ्य-सामग्री भी जुटाई गई है, जो अपने आपमें एक विरल संयोग है।
अब प्रस्तुत है ‘विकास’ का नया संबर्द्धित संस्करण! गत एक दशक में हुए विविध संस्करण जहाँ इस इतिहास की पाठक समाज में व्यापक स्वीकृति का साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं, वहीं यह इस प्रयत्न का परिचायक है कि पुसतक के कलेवर को बिना अनावश्यक रूप से स्फीत किए इस दशक की नयी रचना-उपलब्धियों को कैसे समाविष्ट किया जा सकता है। यों ‘विकास’ अपने नामकरण को स्वत: प्रमाणित कर सके, यह इस नये संवर्द्धित संस्करण की, नयी मुद्रण-शैली के साथ, प्रमुख विशेषता होनी चाहिए।
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📚 Book Details
Author | Ramswaroop Chaturvedi |
ISBN Number | 9789352211142 |
Edition | New Edition |
Published Year | 2025 |
Language | Hindi |
Total Pages | 600 |
Book Cover Image | |
Book Category | Hindi Sahitya |
Book Tags | Hindi Sahitya Books, Ramswaroop Chaturvedi Books, Hindi Literature Criticism, Samvedana in Hindi Literature, Hindi Edition Literary Books, UPSC Hindi Literature, MA Hindi Books, संवेदना का विकास, हिंदी आलोचना पुस्तक, Hindi Sahitya Ke Vikas Par Kitab |
Book Summary | "हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास" एक महत्वपूर्ण आलोचनात्मक पुस्तक है, जिसमें लेखक डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी ने हिंदी साहित्य में संवेदनात्मक प्रवृत्तियों के उद्भव, विकास और विविध रूपों का विश्लेषण प्रस्तुत किया है। पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ: भक्ति, रीति, और आधुनिक युग में संवेदना का अध्ययन सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संदर्भों में साहित्यिक अभिव्यक्तियाँ काव्य और गद्य दोनों में संवेदना की प्रस्तुति साहित्य में मानवीय मूल्यों और भावनात्मक गहराई का विवेचन यह पुस्तक हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और साहित्यिक रुचि रखने वाले पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है। |
Languages Available | Hindi |
Publication Name | Lokbharti Prakashan |
HSN Code | 4901 |
Class/Level | UPSC |
Exam Name | UPSC Hindi Literature, MA Hindi Books |
Specification
Weight | 1 kg |
---|---|
Dimensions | 5 × 5 × 5 cm |
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